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Ashutosh Rana :
अभिनेता ने पुलिस पर हाथ उठाने वजह को पुरे विस्तार से बताया है उन्होंने कहा की अगर मैं पीछे भागूंगा तो मुझे मारेंगे और मुझे वहीं से मारते हुए वापस लाएंगे, जहां से वे मुझे पकड़ेंगे। Ashutosh Rana लोगों के दिलों अपने लाजवाब अभिनय से अलग छाप छोड़ चुके हैं।
संघर्ष और हासिल जैसी फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता ने वॉर और पठान में अपनी अदाकारी से दर्शकों की काफी सराहना बटोरी है। हाल ही में Ashutosh Rana नेे एक बातचीत के दौरान अपने छात्र जीवन को याद किया। उन्होंने हमें बताया कि वे राजनेता बनना चाहते थे और उनके विश्वविद्यालय के दुराण ही राजनेता बीज उन्होंने बोन चालू कर दिए थें। आशुतोष राणा एक मझे हुए कलाकार हैं जिनकी खलनायकी के चरित्र को लोग काफी ज्यादा पसंद करतें | यदि आप भी Ashutosh Rana के फैन हैं तो हमारे साथ उनको विस्तार से जानने के लिए बाने रहिए |
आशुतोष राणा ने जब कर दी पुलिस की कुटाई :
हम आपको बता दें की एक बातचीत के दौरान अभिनेता Ashutosh Rana ने खुलासा किया कि उन्होंने एक बार गुस्से में आकर पुलिस अधिकारियों की खतरनाक कुटाई कर दी थी, आशुतोष राणा का कहना है की उन्होंने उनके दोस्तों पर छेड़छाड़ के झूठे मामले में आरोप लगाया था और उन्हें सार्वजनिक रूप से पीटा था। आशुतोष ने बात का खुलाशा करते हुवे बताया कि वे जब मध्य प्रदेश में डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे तब शहर के सिविल लाइन्स इलाके में एक सैलून में अपने दोस्तों के साथ रोज शाम को बैठा करते थे।
उन दिनों यही सभी दोस्तों का अड्डा हुआ करता था।आशुतोष राणा ने बताया है की , “एक दिन मुझे एक दोस्त से पता चला कि पुलिस ने हमारे दो अन्य दोस्तों को पीटा है। यह सिविल लाइंस में हो रहा था, इसलिए हम यह जानने के लिए जब वहां पहुंचे तो हमने देखा की दो पुलिस वाले उन्हें पीट रहे थे। यह सब देखकर मैंने भी उन्हें (पुलिस वालों को) पीटना शुरू कर दिया। मुझे तब पता था कि यह मामला यहां नहीं सुलझेगा। मैंने अपने दोस्त से कहा कि वे विश्वविद्यालय भाग जाएं और छात्रों को इकट्ठा करें, इससे पहले कि हमें पुलिस स्टेशन ले जाया जाए। अगले दिन हमारी अंग्रेजी की परीक्षा थी।”
आशुतोष राणा पिटाई करने के बाद खुद को पुलिस काको सौप दिया :
आशुतोष राणा ने इस पर विस्तार से खुलाशा करते हुवे बताया है की , “मुझे पता था कि अगर मैं पीछे मुड़कर भागूंगा तो वे मुझे मारेंगे और मुझे वहीं से मारते हुए वापस लाएंगे, जहां से वे मुझे पकड़ेंगे। इसलिए मेरा सीधे वैन में बैठना ही उचित था। वहां पूरी तरह से अव्यवस्था थी। जब तक मैं पुलिस स्टेशन पहुंचा, करीब 1,500 छात्रों ने उसे घेर लिया था।
राजनेताओं द्वारा कॉल किए जा चुके थे। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि मुझे अंदर बंद नहीं किया जाएगा, क्योंकि अगले दिन मेरी अंग्रेजी की परीक्षा थी। इसलिए मुझे एक कमरे में रखा गया, जिसकी खिड़कियां खुली थीं, जहां मैं लड़कों के साथ पढ़ाई की। पुलिसवाले इस बात पर अड़े थे कि वे मुझे जाने नहीं देंगे।”
जानिए आशुतोष राणा कैसे पहुचें एनएसडी :
आशुतोष राणा ने इसी दौरान बताया है की छात्र नेता होने के कारण से उन्हें लोग काफी प्यार और पसंद करते थे। उन्हें अगले ही दिन सुबह छह बजे मजिस्ट्रेट के पास ले जाया गया, जहां उन्हें जमानत की मंजूरी दे दी गई।
अशुतोष ने आगे कहा, “मैं परीक्षा में बैठा और जैसे ही हमारी परीक्षा ख़त्म हुई उसके तुरंत बाद ही हम पुलिस को निलंबित करने की मांग करते हुए सिविल लाइन स्टेशन पर भूख हड़ताल पर बैठ गए। उन छात्रों ने कोई छेड़खानी भी नहीं की थी फिर भी पिटाई कर दी गयी। छेड़खानी एक बहुत ही गंभीर बात है और हमारे साथ हमारे दोस्त इसमें कभी शामिल नहीं थे।
जैसे जैसे समय बीतता गया मुद्दा बहुत बड़ा होता गया। हम इंदौर पहुंचे जहां तत्कालीन मुख्यमंत्री एक समारोह में भाग ले रहे थे। हम अंदर घुसे, और उनकी कार में बैठकर कहा कि क्या आप ध्यान नहीं दे रहे हैं कि क्या हो रहा है। फिर अंततः उनका तबादला कर दिया गया।” अभिनेता ने आगे बताते हुए कहा कि जब कॉलेजों में छात्र राजनीति पर प्रतिबंध लगा दिया गया, तो वे टूटा हुआ और लक्ष्यहीन महसूस करने लगे थे, लेकिन फिर वे दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) अपना दाखिला करवा लिया |