Identify Health Problems in Winter Like This: सर्दियों में अक्सर कई लोग स्ट्रेस और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। ऐसा आमतौर पर विंटर ब्लूज के कारण होता है। इसके अलावा इन दिनों सर्दी-जुकाम और अन्य कई समस्याएं भी बेहद आम होती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे सर्दियों में होने वाली इन्हीं समस्याओं के बारे में। साथ ही जानेंगे कैसे करें इनसे बचाव।
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Identify Health Problems in Winter Like This:
देखते ही देखते यह साल भी अपने आखिरी महीने पर पहुंच गया है और इसी साथ सर्दियों के दिनों की शुरुआत भी हो चुकी है। यह मौसम कई लोगों का पसंदीदा मौसम होता है, लेकिन इस मौसम में अक्सर सर्दी-जुकाम और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही इस दौरान कई लोग विंटर ब्लूज का भी शिकार हो जाते हैं।
जैसे-जैसे सर्दियों का मौसम आता है, हममें से कई लोग एनर्जी की कमी, थकान और मूड खराब होने का अनुभव करते हैं, जिसे आमतौर पर “विंटर ब्लूज” कहा जाता है। हालांकि, मौसम के बदलाव के साथ आने वाली थकान और सर्दियों के दौरान होने वाली गंभीर रेस्पिरेटरी बीमारियों के बीच अंतर करना जरूरी है। ऐसे में सीके बिड़ला हॉस्पिटल दिल्ली में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विकास मित्तल से जानते हैं दोनों में अंतर-
विंटर ब्लूज को समझें:
डॉक्टर बताते हैं कि “विंटर ब्लूज” के लिए कोई ऑफिशियल मेडिकल शब्द नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल अक्सर उदासी या कम एनर्जी और अस्थायी भावनाओं का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जो कई लोग कभी-कभी ठंड के दिनों में अनुभव करते हैं। ये भावनाएं आमतौर पर सूरज की रोशनी की कमी या ठंडे तापमान के कारण हो सकती हैं, जिसकी वजह से लोग अक्सर घर के अंदर बंद रहते हैं।
सर्दियों में होने वाली ये उदासी आमतौर पर कुछ दिनों या हफ्तों के बाद कम हो जाती है, क्योंकि धीरे-धीरे शरीर मौसम के साथ तालमेल बिठा लेता है। इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव जैसे फिजिकली एक्टिव होना, मेडिटेशन और रिलैक्सेशन टेक्नीक से इससे डील करने में मदद मिलती है।
सामान्य सर्दी और फ्लू:
सामान्य सर्दी और फ्लू दो सबसे आम बीमारियां हैं, जिनसे लोग सर्दियों के महीनों में सबसे ज्यादा परेशान होते हैं। यह दोनों वायरल संक्रमण हैं, जो अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करते हैं और ठंड के मौसम में लोगों को एक-दूसरे के करीब घर के अंदर ज्यादा समय बिताने के लिए प्रेरित करते हैं।
सामान्य सर्दी या फ्लू के लक्षणों में आम तौर पर बंद या बहती नाक, गले में खराश, छींक आना, हल्की खांसी और नाक बंद होना शामिल हैं। इन लक्षणों का इलाज अक्सर ओवर-द-काउंटर दवाओं, गर्म चाय या शहद जैसे घरेलू उपचार और पर्याप्त आराम से किया जा सकता है।
रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारी में कब लेनी चाहिए डॉक्टर की मदद:
विंटर ब्लूज और सामान्य सर्दी के विपरीत इस मौसम में रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियां जैसे ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अन्य अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के संक्रमण कहीं ज्यादा गंभीर हो सकते हैं। रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारियां अक्सर सामान्य सर्दी या फ्लू से ज्यादा समय तक रहती हैं और इससे जल्द ठीक होने के लिए जरूरी है कि इसका समय से और सही इलाज किया जाए।
रेस्पिरेटरी संबंधी बीमारी के लक्षणों में लगातार खांसी, पीला या हरा थूक (बलगम) और सांस लेने तकलीफ या सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। यह संकेत है कि संक्रमण फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है और इसके लिए तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत है।
ऐसे रखें अपना ख्याल:
- सर्दियों में होने वाली किसी भी समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि आप खुद अपना इलाज न करें।
- अगर आपको सांस लेने में कठिनाई, गंभीर खांसी या समय के साथ बिगड़ते लक्षण नजर आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- तनाव मुक्त जीवनशैली बनाए रखें, एक्टिव रहें और दवाओं के लिए अपने डॉक्टर की गाइडलाइंस का पालन करें।
- इसके अलावा फ्लू और निमोनिया के लिए वैक्सीन की मदद से काफी हद तक खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। विशेष रूप से बुजुर्गों, छोटे बच्चों और पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों को।
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